पहाड़ो कि शान और पहचान 'चाय '
कभी हमारे गाँव आओ,
तुम्हे एक सैर कराएंगे,
हमारी स्पेशल वाली पहाड़ी चाय,
तुम्हे अपने हाथों से पिलायेंगे।
पहाड़ी लोगों का चाय के साथ रिश्ता मानो जन्मो जन्मों का हो दोनो एक दूसरे से इतने जुड़े हुए है कि शब्दों में बयां करना ना मुमकिन है। दोनो एक दूजे जैसे है दोनो हीर और राजण जैसे एक दूसरे के साथी है।
पहाड़ी लोगों कि सुबह चाय के साथ शुरू होती है और चाय पर जाके समाप्त होती है। चाय मानो इनके लिए संजीवनी बूटी है उसके बिना जेसे जीवन अधूरा सा है, अगर किसी सुबह पहाड़ी लोग चाय ना पियों तो ऐसा लगता है मानो जैसे सुबह ना हुयी है और शरीर में कुछ है ही नहीं बस हड़ियों का डांचा। चाय शरीर को एक ऊर्जा देती है जैसा सूरज के बिना पृत्वी में अंधकार रहता है वैसे ही चाय के बिना शरीर में अंधकार रहता है।
चाय क्या है?
चाय एक पेय पदार्थ है जो। जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और जैसे हर किसी के शरीर में खून दौड़ता है वंही पहाड़ी लोगों के खून में चाय। चाय एक अमृत है जो जीवन को एक नया स्वरूप देता है जीवन को बढ़ता है और लोगों के रिस्तो में चार चाँद लगा देता है।
चाय सिर्फ चाय नहीं ये दवा है
दु:ख, दर्द, और मोहब्बत की...
पहाड़ो कि शान और पहचान 'चाय '-
पहाड़ो में चाय एक पेय पदार्थ ना होके एक रिश्ता है जब पहाड़ी लोग कहीं भी जाते है तो सबसे पहले चाय मांगता है चाहे कितनी ही गर्मी क्यों ना हो। खैर सर्दी में तो यह भोजन से भी बढ़कर है, जब ये लोग किसी के घर जाते है तो सबसे पहले इन्हे चाय चाहिए। पहाड़ी लोगों के लिए चाय रिश्तो को बढ़ाने वाला एक माध्यम है। चाय के बिना तो पहाड़ी जीवन अधूरा सा है सच्चे पहाड़ी कि पहचान है 'चाय' सच्चा पहाड़ी वही है जिसकी सुबह चाय से शुरू होती है। एक बात और पहाड़ी लोगों को खाने कि इतनी परवाह नहीं रहती जितनी चाय कि, जब पहाड़ी लोग जंगल से या फिर खेत से कार्य करके घर आते है तो उन्हें कितनी भी भूख लगी हो वो खाना बाद में और चाय पहले पियेंगे।
पहाड़ियों के खून में बसी है चाय:-
पहाड़ो कि खूबसूरती और पहाड़ो का जीवन बहुत ही आश्चर्यजनक है दोनो देखने में बहुत खूबसूरत लगते है पर जब वास्तविकता का पत्ता चलता है तो यह बहुत कठिनाइयों भरा है। इन सारी कठिनाइयों को पार करने के बाद आप पहाड़ो कि खूबसूरती जान सकते है और कठिनाइयों का सामना करके सच्चे पहाड़ी कहला सकते हो। चाय पहाड़ी लोगों के लिए अमृत का काम करता है यह चाय का जादू ही है कि चाय के बिना पहाड़ी लोगों कि दिन कि शुरुआत नहीं होती। पहाड़ी लोगों के रग -रग में चाय का वास है।
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