11 जून 2023

जानिए क्या है टिहरी बांध के नीचे? - tehri dam


टिहरी बाँध परियोजन -  Tehri dam Uttarakhand:

टिहरी  एक नज़र -

टिहरी उत्तराखंड का एक जिला है ,जो  भागीरथी और भिलंगना नदियों के संगम पर बसा एक सुंदर नगर है। इसकी नीव पंवार वंश के 55 वें राजा सुदर्शन शाह ने 28 दिसम्बर 1815 को अपनी राजधानी के रूप में रखी थी।

Tehri dam
Tehri dam

टिहरी परियोजना:Tehri dam:-

टिहरी बाँध जो भागीरथी और भिलंगना नदियों के संगम पर स्थित भारत सरकार की एक बहुउदेशीय नदी घाटी परियोजना है। जिसने पंवार शासको की बसायी हुयी टिहरी को निगल दिया , टिहरी बाँध एशिया का दूसरा सबसे ऊँचा व दुनिया का चौथा सबसे ऊँचा बाँध है, जिसकी ऊंचाई ( tehri dam hieght )260 मीटर है ,जो एक काफर बाँध {मिट्टी तथा पत्थर}  निर्मित बाँध  है, तथा 42 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसके कारण इसे राष्ट का गाँव कि संज्ञा दी गई है। आज टिहरी best tourist place के रूप में विकसित हो गया है |

Tehri dam परियोजना का निर्माण:-

Tehri dam निर्माण परियोजना से सम्बंधित तथ्य -

  • यह परियोजना केंद्र सरकार और उ.प्र. सरकार कि एक संयुक्य परियोजना थी।

  • इस परियोजना के निर्माण के लिए 1972 में योजना आयोग ने  अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी।

  • और 1978 में उ. प्र. सरकार ( सिंचाई विभाग ) ने इस परियोजना का कार्य शुरू कर लिया।

  • 1988 में केंद्र सरकार ने इस परियोजना कि जिम्मेदारी अपने हाथो में ले ली।

  • केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए  1988 में ही ' टिहरी जल बांध निगम ' (THDC) कि स्थापना कि।

  • 1989 में केंद्र सरकार ने इसका कार्य THDC को सौंप दिया।

  • और 1990 में विस्थापितो के लिए पुनर्वास कि भी जिम्मेदारी सौप दी।

 2400 मेगावाट कि tehri dam विद्युत परियोजना के दो चरण है। पहले चरण में 1000 मेगावाट कि tehri dam जल विधुत परियोजना है जो 2006 को राष्ट को समर्पित कर ली गई है। तथा दूसरी 1400 मेगावाट कि परियोजना को दो अलग -अलग  प्लांटो के द्वारा पूरा किया जायेगा, इसमें पहला है 1000 मेगावाट कि टिहरी पम्प स्टोरेज प्लांट जो मुख्य बांध के समीप है। तथा दूसरी है  400 मेगावाट कि कोटेश्वर बांध जल विद्युत परियोजना जो टिहरी बांध से 22 km नीचे बनायी जा रही है।

Tehri dam photo
Tehri dam

टिहरी परियोजना का इतिहास:history of Tehri dam:-

टिहरी बांध का जब निर्माण किया गया तब यह परियोजना 600 मेगावाट कि थी, और उस समय इसकी लागत 197 करोड़ ₹ थी लेकिन 1986 में सोवियत रूस के राष्ट्पति मिखाइल गोर्वाच्चोव भारत आते हैं और इस परियोजना के लिए भारत कि सहायता करते है। और तब भारत सरकार इस परियोजना को बड़ा के 2 चरणों में करने धोषणा कर देते हैं।  जिसमे पहले चरण में 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन और  दूसरे चरण 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन शामिल था। 2006 तक इस परियोजना का पहला चरण 1000 मेगावाट का पूरा कर लिया गया है। बाकी 1400 मेगावाट का कार्य जल्द ही पूरा हो जायेगा।

 टिहरी बांध का डिजाइन:Tehri dam Design:-

टिहरी बांध जो भागीरथी औए भिलंगना के संगम पर स्थित है,
जिसका डिजाइन प्रो. जेम्स ब्रून ने  तैयार किया था।

टिहरी बांध से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:-

  •  टिहरी बांध का अधिकारिक नाम स्वामी रामतीर्थ सागर है।
  • इसका स्थानीय नाम सुमन सागर है।
  • टिहरी बांध को 2006 में राष्ट को समर्पित कर दिया।
  • इस बांध कि कुल जलधारण क्षमता 354 करोड घनमीटर है
  • इसके फैलाव 42 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

टिहरी परियोजना के लाभ: Benifits of Tehri dam:-

टिहरी बांध बनने के बाद क्या-क्या लाभ हुए तथा इसके क्या क्या लाभ हो सकते है जो अधोलिखित है।

 टिहरी बांध बनने से 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।

➤इस बांध के बनने से यहाँ के स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा।

➤बांध बनने के कारण मैदानी क्षेत्रों में जैसे उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में बाढ़ में कमी आएगी।

➤देश को प्रतिवर्ष 2000 करोड़ का लाभ होगा।

➤उत्तराखंड को रायल्टी के रूप में 12% बिजली मुप्त में मिलेगी

➤सिंचाई में बढ़ोतरी आएगी।

➤दिल्ली के लिए 300 क्यूसेक पानी और उत्तरप्रदेश के लिए 200 क्यूसेक पानी पेयजल के लिए प्रतिदिन उपलब्ध होगा। 

➤पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

टिहरी परियोजना से हानि 

टिहरी परियोजना ने टिहरी रियासत को निगल दिया जो एक एक पौराणिक विरासत थी।

➤टिहरी बांध का कहीं जीवो पर औए वनस्पतियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

➤अगर कभी टिहरी बांध टूट गया था काफ़ी बड़ी मात्रा में जनधन कि हानि होंगी।

➤ भूस्खलन में  बढ़ोतरी आएगी।

➤भूकंप में तेजी आएगी।

विस्थापना और पुनर्वास:-

टिहरी बांध बनने से पुरानी टिहरी पानी में जलमग्न हो गई जिसके कारण वंहा के स्थानीय लोगों को वंहा से दूसरी जगह ले जाया गया।
बांध बनने के कारण वंहा के लगभग 1 लाख लोगों को वंहा से विस्थापित किया गया इस परियोजना ने टिहरी रियासत का नामो निशान मिटा दिया।  इस बांध ने 39 गाँवो को पूर्ण रूप से और 86 गाँवो को आंशिक रूप से प्रभावित किया जिससे 500 परिवारों को अपना घर त्यागना पड़ा।
  इसके बाद इन लोगों के लिए पुरानी टिहरी से 24 km नीचे  एक शहर बसाया गया जिसको आज नयी टिहरी के नाम से जाना जाता है। जिन लोगों को यहाँ जगह नहीं मिली उन्हें देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश में विस्थापित किया गया।

टिहरी बांध का विरोध:-

टिहरी बांध परियोजना का विरोध पहले से ही चल रहा था जब 1978 में उत्तरप्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग ने इसका कार्यभार संभाला था। वंहा कि स्थानीय जनता और कहीं पर्यावरणविदों ने इसका विरोध किया इसके विरोध का कारण था पर्यावरणीय मामलों में हस्तक्षेप  न  करना इसके लिए सबसे पहली आवाज़ उठाई राजमाता कमलेंदुमती शाह ने इन्होने इसके लिए कहीं संघर्ष किये। इनके साथ ही विद्यासागर नौटियाल ने 1978 मे 'बांध विरोधी समिति' का गठन किया। इसके बाद टिहरी बांध के विरोध में वीरेंद्र सकलानी ने 1979 मे इस समिति कि और से उच्चतम न्यायलय में याचिका दायर कि औए उसके बाद प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा ने 1991 में धरना दिया और 76 दिनों तक बांध का कार्य रोक दिया था।

टिहरी बांध विरोध के कारण:-

 टिहरी बांध विरोध में कहीं आंदोलन हुए। इन आंदोलनों का मुख्य उदेश्य था बांध के कार्य को रोकना तथा पर्यावरण को किसी भी प्रकार से हानि न पहुँचाना।
इसके विरोध के मुख्य कारण इस प्रकार थे -
  • यह क्षेत्र  अभी नवीन अवस्था में है जिसके कारण यहाँ बार-बार भूकंप आने का खतरा बना रहता है।
  • टिहरी बांध खतरनाक भूकंप अधिकेंद्रय क्षेत्र  ' महार टियर फास्ट ' के ऊपर बना हुआ है अगर कभी बड़ी तीव्रता वाला भूकंप आता है तों यह बांध धाराशयी हो जायेगा।
  • टिहरी बांध के नीचे से भूकंप की MCT रेखा गुजरती है जिसके कारण बांध का विरोध हुआ था।

टिहरी में साहसिक खेल:-

टिहरी झील के बनने के बाद इस झील में कहीं प्रकार की जलक्रीड़ायें की जा रही हैं जिससे पर्यटन में बढ़ोतरी हो रही है  और  स्थानीय लोगो को रोजगार भी प्रदान हो रहे हैं |

टिहरी झील में कोन - कोन सी जल क्रीडा की जाती है ?

टिहरी झील में अनेक प्रकार की जल क्रीड़ायें की जाती है जों इस प्रकार हैं |
  •  क्याकिंग 
  • केनोइंग 
  • रोइंग 
  • वाटर स्कीइंग 
  • पैराग्लाइडिंग  
  • स्कूबा ड्राइविंग 
  • पैडल बोटिंग 
  • स्पीड बोटिंग 
  • काइट सर्फिंग 
  • जेट स्कीइंग  

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