औषधीय गुणों का राजा किल्मोड़ा - Kilmora Fruits
उत्तराखंड प्राकृतिक वनस्पतियों का खजाना है, प्रकृति ने उत्तराखंड को कुछ ऐसे तोहफे दिए हैं जिसके बारे में अगर सही जानकारी हासिल की जाए तो इससे मनुष्य की काफी बीमारियों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। इसी में आज हम बात करेंगे किल्मोड़ा की, वही किल्मोड़ा जिसको लोग पहाड़ों में कटीली झाड़ी में देखकर नजरअंदाज कर देते हैं उसी किल्मोड़ा से आज दुनिया भर में ऐसी ऐसी दवाइयों को तैयार कर रहे हैं, जिससे लाखों बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
किल्मोड़ा (kingoda fruit) एक शीतोष्ण पौधा है जो 1200 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है, इसकी पत्ती, तना, फल, छाल और जड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसकी जड़ों में व लकड़ियों में बरबेरियन हाइड्रोक्लोराइड पाया जाता है
किल्मोड़ा का आयुर्वेदिक नाम - दारूहल्दी
किल्मोड़ा का संस्कृत नाम - दारूहरिद्रा
किल्मोड़ा का वैज्ञानिक नाम - बेरवेरीज एरिस्टाटा
अन्य नाम -किन्गोड़ा, जरिश्क ,किलमोड़ा
सैकड़ों बीमारियों का रामबाण इलाज:-
यह पौधा वन्यजीव अधिनियम की प्रथम श्रेणी में रखा गया है, इसका पूरा पौधा आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होता है जिसमें anti-diabetic,एंटी ट्यूमर, एंटी वायरल तत्व विद्यमान होते हैं।
किल्मोड़ा के पेड़ और फल के फायदे : Kingoda ped and fruit benifits :-
किल्मोड़ा औषधीय गुणों का राजा :
किल्मोड़ा औषधीय गुणों का राजा कहा जाता है क्योंकि इससे अनेक बीमारियों का रामबाण इलाज किया जा सकता है जो निम्न प्रकार से हैं -
➧मधुमेह रोग का रामबाण इलाज।
➧रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।
➧पीलिया रोग का भी उपचार।
➧चर्म रोग नाशक।
➧अल्सर में भी सहायता
➧मुंह के छाले,पेट दर्द और बुखार में भी उपयोगी।
➧कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों मैं भी रामबाण।
➧शरीर कम करने और हृदय रोगों का नाशक।
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Great brother
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