6 जून 2023

पश्मीना Pashmina

 

पश्मीना-Pashmina 

पश्मीना एक प्रकार का ऊन है, जो लद्दाख मैं पाये जाने वाले पालतू  चांगथांगी बकरियों से प्राप्त किया जाता है। इसकी उत्पति भारत में कश्मीर में हुई।  पश्मीना ऊन से कश्मीरी लोगो द्वारा शॉल बनाया जाता है, जिसका प्रयोग मूल रूप से कश्मीरी लोग सर्दियों के मौसम में खुद को गर्म रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है


  • पश्मीना को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त है।

  • पश्मीना शब्द फारसी शब्द 'पश्म' से लिया गया है जिसका अर्थ होता है बुनाई योग्य फाइबर जो मूल रूप से ऊन है।

  • पश्मीना ऊन की अच्छी गुणवता और इसको बनाने में लगने वाली कड़ी मेहनत और अधिक समय के  कारण ये बहुत महंगे होते हैं।

  • 2001 चांगपा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
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Pashmina Shawls पश्मीना शॉल कैसे बनता है?


कच्चे पश्म (ऊन) को लद्दाख के चांगपा जनजाति के लोगों द्वारा पाली जाने वाली  बकरियों (चांगथांगी)से प्राप्त किया जाता है।
➨उसके बाद कश्मीरी बुनकरों द्वारा कच्चे पश्म (ऊन)को मध्यस्थों के द्वारा से खरीदा जाता है, जो चांगपा जनजाति और कश्मीरियों के बीच एकमात्र संपर्क की कड़ी है, इसके बाद कच्चे पश्म फाइबर को अच्छी तरह से साफ किया जाता है।

➨उसके बाद उसकी गुणवत्ता के आधार पर इसे अलग-अलग करते हैं।

➨अलग-अलग करने के बाद इसे हाथ से काता जाता है और ताने में स्थापित किया जाता है और तब हथकरघा पर रखा जाता है।

➨हथकरघा पर रखने के बाद यार्न को हाथ से बुना जाता है और खूबसूरती से शानदार पश्मीना शॉल प्राप्त किया जाता है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
Pashmina Shawl
Pashmina Shawl
                                
पश्मीना शॉल दुनिया में बेहतरीन और उच्चतम गुणवत्ता वाले ऊन से बनते हैं जिसके कारण इसने दुनिया भर के लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया और यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले शॉल में से एक बन गया है। इसकी उच्च मांग ने स्थानीय लोगों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।

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