केदारनाथ का शीतकालीन स्थल Omkareshwar temple ukhimath
कल-कल बहती हुई मंदाकिनी नदी के बाएं तट पर उखीमठ में स्थित ओंकारेश्वर मन्दिर जो एक शिव मन्दिर है और यहाँ केदारनाथ के रावल पुजारियों का निवास स्थान है जँहा केदारनाथ के पुजारी अपना डेरा डालते है। और यह Omkareshwar temple भगवान केदारनाथ व मदमहेश्वर नाथ का शीतकालीन स्थल है जँहा पर शीतकाल के दौरान इनकी पूजा अर्चना की जाती है।
1- ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ
2- क्यों होती है ओंकारेश्वर मंदिर मन्दिर में केदारनाथ की शीतकालीन पूजा
3- ओंकारेश्वर मंदिर का
4- ओंकारेश्वर मंदिर की स्थापत्य शैली
5- ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण
6- ओंकारेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे
7- Q&A
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ Omkareshwar temple ukhimath
उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ में स्थित भगवान शिव को समर्पित ओंकारेश्वर मंदिर एक प्रसिद तीर्थ स्थल है। जो समुद्रतल से 1,300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित, यह मंदिर केदारनाथ धाम में स्थित भगवान शिव का शीतकालीन पढ़ाव है जन्हा भगवान शिव सर्दियों में विराजते हैं साथ ही भगवान मदमहेश्वर नाथ भी जाड़ों के दिनों में यंहा निवास करते हैं|इसे भी पढ़े - क्या है केदारनाथ मंदिर का रहस्य
क्यूँ केदारनाथ और मदमहेश्वर नाथ की पूजा Omkareshwar temple ukhimath में होती है ?
सर्दियों में जब राज्य के पर्वतीय भू- भाग में हिमपात होने लगता है तो यंहा के अधिकांश भाग या छेत्र बर्फ से ढक जाते हैं जिस कारण उपरी भागो में रहना ना मुमकिन सा हो जाता हैं जिस के कारण यंहा से लोग निचले भागो में आ बसते हैं | शीतकाल में जब भगवान केदारनाथ और के मंदिर हिम से ढक जाते हैं तो यंहा रहना मुश्किल हो जाता है तो इसलिए जाड़ों के दिनों में भगवान केदारनाथ औमदमहेश्वर नाथर मदमहेश्वर नाथ की पूजा Omkareshwar temple ukhimath में की जाती हैक्या है ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ की कहानी
ओंकारेश्वर मंदिर के बारे में अनके किवदंतियां हैं जो हमे सुनने को मिलती हैं जो इस प्रकार है - पौराणिक हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, यह माना जाता है कि जब इस मंदिर में बाणासुर की बेटी यानि उषा और भगवान कृष्ण के पोते यानि अनिरुद्ध की यंहा शादी हुई थी तो बाणासुर की बेटी यानि उषा के नाम पर इसका नाम उषमठ (उषामठ ) पडा जो कालांतर में उखीमठ हो गया | इस मंदिर से संबंधित एक और अन्य पौराणिक कथा यह भी है की जब मंधाता, एक सम्राट जो संसार के सभी सांसारिक सुखों को छोड़कर भगवान शिव की तपस्या में 12 वर्षों तक लीन रहे वो भी एक पैर पर खड़े होकर। तो उनकी इस तपस्या को देखकर उन्हें आखिरकर अंत में, भगवान शिव ने omkar ओमकार (ओम की ध्वनि) के रूप में अपने दर्शन दे दिए और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। तब से तब से इस मंदिर को ओंकारेश्वर मंदिर के रूप में जाना जाता है।ओंकारेश्वर मंदिर की निर्माण और स्थापत्य शैली
उत्तराखंड के मंदिरों की स्थापत्य कला शैली का इतिहास बहुत प्राचीन हैं यंहा के मंदिरों की निर्माण शैली में भी बहुत अंतर देखने को मिलता है यंहा अनेक शैली के मंदिर देखने को मिलते हैं जैसे कत्युरी शैली ,मुग़ल शैली ,द्रविड़ शैली,पांडव शैली ,उत्तराखंड शैली और नागर शैली| Omkareshwar temple ukhimath नागर शैली में बना हुआ है | हालाँकि किसके कोई ज्यादा पुक्ता इतिहास हमे देखने को नही मिलता है |ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण-
कहा जाता है की ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण आदि गुरु शंकराचार्य ने ही करवाया था |ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ कैसे पहुंचे How to rech Omkareshwar temple ukhimath-
अगर आप भी उत्तराखंड की इस खुबसूरत जगह का भ्रमण करना चाहते हैं तो आप यंहा आसानी से पहुच सकते हो |सड़क मार्ग से -
अगर आप सड़क के जरिये यंहा जाना चाहते हो तो आपको हरिद्वार से रुद्रप्रयाग तक बस में आना होगा और यंहा से आपको आसानी से Omkareshwar temple ukhimath के लिए बस या निजी वाहन उपलब्ध हो जायेंगे |
रेल मार्ग से -
अगर आप उत्तराखंड के बहार से हो और इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हो तो आपको delhi से ऋषिकेश तक के लिए रेल एक आसन जरिया है और वंहा से रुद्रप्रयाग के लिए बस आसानी से मिल जाती है और आगे वही निजी वाहन और बस जैसे उपर आपको बताया गया है |
ओंकारेश्वर मंदिर से संबधित महत्वपूर्ण Q&A -
ओंकारेश्वर मंदिर कहाँ है ?✅ ओंकारेश्वर मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है |
केदारनाथ की शीतकालीन पूजा कहाँ होती है ?
✅ केदारनाथ की शीतकालीन पूजा उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में होती है |
मदमहेश्वर नाथ की शीतकालीन पूजा कहाँ होती है ?
✅ मदमहेश्वर नाथ की शीतकालीन पूजा भी उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में होती है |
ओंकारेश्वर मंदिर किस देवता को समर्पित है ?
✅ ओंकारेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है |
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